अदिति कुंटे - एम.ए मनोवैज्ञानिक
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क्या समलैंगिक होना एक मानसिक बीमारी है ?
Subtitles :
समलैंगिकता को अब एक मानसिक रोग नहीं माना जाता
लेकिन इसके कारण आपके आत्मविश्वास पर असर होता है
जिससे डिप्रेशन या चिंता बढ़ सकती है
आप इससे बाहर आने के लिए मनोवैज्ञानिक से बात करें
Summary :
यह कोई रोग नहीं है
More Info...
गे, लेस्बियन या बाइसेक्सुअल होना कोई विकार नहीं है। आज समाज में गे, लेस्बियन और अन्य प्रकार की यौन इच्छाएं रखने वालों को स्वीकारा जा रहा है | उभयलिंगी व्यवहार और समलैंगिक व्यवहार दोनों को अब मानव कामुकता का सामान्य पहलू माना जाता है।
किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी यौन इच्छाएं पूरी तरह से प्राकृतिक होती हैं | इन इच्छाओं पर किसी का ज़ोर नहीं चल सकता, और न किसी को इसे बदलने की कोशिश करनी चाहिए | कई बार लोग खुद पर विश्वास नहीं कर पाते की वे समलैंगिक या उभयलिंगी हैं, ऐसे में उन्हें अपनी यौन इच्छाएं पुख्ता करने की ज़रूरत है, ताकि जल्दबाज़ी में कोई गलत निर्णय न ले लिया जाए|
सभी प्रमुख राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य संगठनों ने आधिकारिक तौर पर विभिन्न यौन झुकावों को सामान्य माना है। पहले जिन थैरेपी को यौन विचारों को बदलने के उद्देश्य से लोगों पर इस्तेमाल किया जाता था, अब उन्हें गलत या अनैतिक माना जाता है।
कई कंपनियां अब LGBTQ समुदाय के सदस्यों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं।
एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से बात करने से किसी व्यक्ति को समलैंगिकता के खिलाफ सामाजिक तौर तरीको से लड़ने में मदद मिल सकती है |
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