Ganesh Atharvashirsha In Hindi - गणेश अथर्वशीर्ष हिंदी में | Ganesh Atharvashirsha Hindi |
SEARCHES BY VIEWERS ON Ganesh Atharvashirsha
द्रशकों द्वारा गणेश अथर्वशीर्ष पर ढूंढे जाने वाले प्रश्नो के उत्तर
ganesh atharvashirsha benefits / ganesh atharvashirsha benefits in hindi
ganesh atharvashirsha path ke fayde / ganesh atharvashirsha path ke labh
गणेश अथर्वशीर्ष पाठ के लाभ / गणेश अथर्वशीर्ष के फायदे / गणेश अथर्वशीर्ष के लाभ
इस अथर्वशीर्ष का जो पाठ करता है, वह ब्रह्मीभूत होता है, वह किसी प्रकारके विघ्नोंसे बाधित नहीं होता, वह सर्वतोभावेन सुखी होता है, वह पंच महापापोंसे मुक्त हो जाता है। सायंकाल इसका पाठ करनेवाला दिनमें किये हुए पापोंका नाश करता है, प्रातः काल पाठ करनेवाला रात्रिमें किये हुए पापोंका नाश करता है। सायं और प्रातः काल पाठ करनेवाला निष्पाप हो जाता है। (सदा) सर्वत्र पाठ करनेवाला सभी विघ्नोंसे मुक्त हो जाता है एवं धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष - इन चारों पुरुषार्थोंको प्राप्त करता है। यह अथर्वशीर्ष उसको नहीं देना चाहिये, जो शिष्य न हो। जो मोहवश अशिष्यको उपदेश देगा, वह महापापी होगा। इसकी एक हजार आवृत्ति करनेसे उपासक जो कामना करेगा, इसके द्वारा उसे सिद्ध कर लेगा ॥ ११ ॥
जो इस मन्त्रके द्वारा श्री गणपति का अभिषेक करता है, वह वाग्मी हो जाता है। जो चतुर्थी तिथिमें उपवासकर जप करता है, वह विद्यावान् (अध्यात्मविद्याविशिष्ट) हो जाता है। यह अथर्वण-वाक्य है। जो ब्रह्मादि आवरणको जानता है, वह कभी भयभीत नहीं होता ॥ १२ ॥
जो आठ ब्राह्मणोंको इस उपनिषद्का सम्यक् ग्रहण करा देता है, वह सूर्यके समान तेजः सम्पन्न होता है। सूर्यग्रहणके समय महानदीमें अथवा प्रतिमाके निकट इस उपनिषद्का जप करके साधक सिद्धमन्त्र हो जाता है। सम्पूर्ण महाविघ्नोंसे मुक्त हो जाता है। महापापोंसे मुक्त हो जाता है महादोषोंसे मुक्त हो जाता है। वह सर्वविद् हो जाता है। वह सर्वविद् हो जाता है - जो इस प्रकार जानता है ॥ १४ ॥ इस प्रकार यह ब्रह्मविद्या है।
ganesh atharvashirsha lyrics
ganpati atharvashirsha lyrics / ganpati atharvashirsha sanskrit
ganapati atharvashirsha lyrics / ganapati atharvashirsha lyrics in sanskrit
ॐ भद्रं कर्णेभिरिति शान्तिः ॥ * ॐ नमस्ते गणपतये । त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि । त्वमेव केवलं कर्तासि । त्वमेव केवलं धर्तासि । त्वमेव केवलं हर्तासि । त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि। त्वं साक्षादात्मासि नित्यम् ॥ १ ॥
ऋतं वच्मि । सत्यं वच्मि ॥ २ ॥
अव त्वं माम् । अव वक्तारम् । अव श्रोतारम् । अव दातारम् । अव धातारम् । अव अनूचानम् । अव शिष्यम् ।अव पश्चात्तात् । अव पुरस्तात् । अवोत्तरात्तात् । अव दक्षिणात्तात् । अव चोर्ध्वात्तात् । अवाधस्तात् । सर्वतो मां पाहि पाहि समन्तात् ॥ ३ ॥
त्वं वाङ्मयस्त्वं चिन्मयः । त्वमानन्दमयस्त्वं ब्रह्ममयः । त्वं सच्चिदानन्दाद्वितीयोऽसि । त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्मासि। त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि ॥ ४ ॥
सर्वं जगदिदं त्वत्तो जायते। सर्वं जगदिदं त्वत्तस्तिष्ठति । सर्वं जगदिदं त्वयि लयमेष्यति । सर्वं जगदिदं त्वयि प्रत्येति । त्वं भूमिरापोऽनलोऽनिलो नभः । त्वं चत्वारि वाक्पदानि ॥ ५ ॥
त्वं गुणत्रयातीतः । त्वं कालत्रयातीतः । त्वं देहत्रयातीतः । त्वं मूलाधारस्थितोऽसि नित्यम्। त्वं शक्तित्रयात्मकः । त्वां योगिनो ध्यायन्ति नित्यम्। त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वमिन्द्रस्त्वमग्निस्त्वं वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चन्द्रमास्त्वं ब्रह्म भूर्भुवः स्वरोम् ॥ ६ ॥
गणादिं पूर्वमुच्चार्य वर्णादिं तदनन्तरम्। अनुस्वारः परतरः । अर्धेन्दुलसितम् । तारेण रुद्धम् । एतत्तव मनुस्वरूपम् । गकारः पूर्वरूपम् । अकारो मध्यमरूपम् । अनुस्वारश्चान्त्यरूपम्। बिन्दुरुत्तररूपम्। नादः सन्धानम् । संहिता सन्धिः । सैषा गणेशविद्या । गणक ऋषिः निचृद्गायत्री छन्दः । गणपतिर्देवता । ॐ गं गणपतये नमः ॥ ७ ॥
rest of the ganesh atharvashirsha ( ganapati atharvashirsha ) is in the video
ganesh atharvashirsha in hindi / ganesh atharvashirsha hindi / ganesh atharvashirsha hindi mein
ganapati atharvashirsha in hindi / ganapati atharvashirsha hindi / ganapati atharvashirsha hindi mein
गणेश अथर्वशीर्ष हिंदी में / गणेश अथर्वशीर्ष हिंदी / गणपति अथर्वशीर्ष हिंदी में
गणपति अथर्वशीर्ष हिंदी
गणपतिको नमस्कार है, आप ही प्रत्यक्ष तत्त्व हो, आप ही केवल कर्ता, आप ही केवल धारणकर्ता और आप ही केवल संहारकर्ता हो, आप ही केवल समस्त विश्वरूप ब्रह्म हैं और आप ही साक्षात् नित्य आत्मा हैं ॥ १ ॥
यथार्थ कहता हूँ। सत्य कहता हूँ ॥ २ ॥
आप मेरी रक्षा कीजिये। वक्ता की रक्षा कीजिये। श्रोता की रक्षा कीजिये। दाता की रक्षा कीजिये। धाताकी रक्षा कीजिये। षडंग वेदविद् आचार्य की रक्षा कीजिये। शिष्य की रक्षा कीजिये। पीछेसे रक्षा कीजिये। आगेसे रक्षा कीजिये। उत्तर (वाम) भागकी रक्षा कीजिये। दक्षिण भागकी रक्षा कीजिये। ऊपरसे रक्षा कीजिये। नीचे की ओर से रक्षा कीजिये। सर्वतोभाव से मेरी रक्षा कीजिये, सब दिशाओं से मेरी रक्षा कीजिये॥ ३ ॥
आप वाड्मय हो, आपचिन्मय हैं। आप आनन्दमय हैं, आप ब्रह्ममय हैं। आप सच्चिदानन्द अद्वितीय परमात्मा हैं। आप प्रत्यक्ष ब्रह्म हैं। आप ज्ञानमय हैं, विज्ञानमय हो ॥ ४ ॥.................
rest of the ganesh atharvashirsha in hindi is in the video due to shortage of space....
________________________________________________________
स्वर - भास्कर पंडित
Voice By - Bhaskar Pandit
________________________________________
"लगाइये आस्था की डुबकी "
~ मंत्र सरोवर ~
@MantraSarovar
_________________________________________
#mantrasarovar #ganeshatharvashirshainhindi #ganapatiatharvashirshainhindi
Ещё видео!