इस सृष्टि मे तीन शक्तियां है जो एक ईश्वर के स्वरुप से उत्पन्न हुई है (सत्व,रज और तम)जो देखने से ऐसा लगता है मानो वे अलग अलग है पर यह उदाहरण गलत है वह परमात्मा एक है पर वह जिस कार्य को जब जब करता है वह उस नाम से जाना,जाने लगता है एक जब सृष्टि का निर्माण करता है तो ब्रह्मा के रुप मे
पालता है तो विष्णु के रुप मे और जब संहार अथवा विनाश करता है तो शिव के रुप मे जाना जाता है।
वह अनेक न होकर एक है पर प्रतित अनेक सा होता है।
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