एक जैन साधु भगवंत के पात्रे में जब कड़वी गोचरी आई, तब उन्होंने क्या किया, आइये देखते हैं दादा गुरुदेव कलिकाल कल्पतरु श्रीमद् विजय श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी महाराज साहेब की अद्भुत कथा !
प्रणाम,
गोचरी का अर्थ - जैन साधु भगवंतों का भोजन ! यह विषय बहुत बड़ा है, फिर कभी विस्तार में ज़रूर देखेंगे !
दादा गुरुदेव के जीवन में जब कडवी गोचरी आई तब उन्होंने अपने शिष्यों से क्या बात कही ?
आइये देखते हैं दादा गुरुदेव के जीवन का एक अद्भुत प्रसंग
जय जिनशासन
जय महावीर
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