सच्चा और ईमानदार विद्यार्थी वही कहलाता है जो अनुशासन में रहता है, हमेशा सत्कर्म करता है, जिसके मन में अपने शिक्षक के प्रति आदर भाव होता है तथा जो अपना पूरा ध्यान शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ में लगाता है।
महादेवी वर्मा के इस संस्मरण में आए घीसा के अंदर ये सब गुण विद्यमान हैं, तभी तो आज भी लेखिका की स्मृति से घीसा नामक विद्यार्थी धूमिल नहीं हुआ।
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