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Online Shradh evam Brahman Bhojan
जयसियाराम।
संछिप्त तर्पण विधि
पूर्व मुख बैठकर जनेऊ या गमछा बाएं कंधे पर।
तीन बार आचमन
1.ओम केशवाय नमः
2.ओम नारायणाय नमः
3.माधवाय नमः
4.गोबिंदाय नम: पढ़कर हाथ धोलें।
संकल्प करें ,जल हाथ में लेकर।
*अद्य सर्व विधि कल्याणर्थम पितृणाम प्रसन्नार्थम पितृ तर्पणम करिष्ये।*
बड़े लोटा में गंगाजल,चन्दन,फूल,तुलसी डाल कर
दक्षिण मुख बायां घुटना फोल्डकर बैठ जाएं। जनेऊ गमछा दाहिने राइट कंधे पर रखकर,
तिल हाथ मे लेकर पितरों का आवाहन करें।
*आगछन्तु में पित्तर इमम गृह्नन्तु जलांजलिम*
छोड़ दें।
पिता को लिए जल
अमुक गोत्रः अस्मत पिता अमुक: इदम जलम
तसमै स्वधा नम:, तसमै स्वधा नमः,तसमै स्वधानम:
तीन तीन बार इसी तरह सभी को जल देना है।
अस्मत पितामह इदम जलम तसमै स्वधा....
अस्मत प्रपितामह .......
अस्मत माता इदम जलम तस्यै स्वधा नमः...
अस्मत पितामही इदम......
अस्मत प्रापितामही.......
..........
अब नाना आदि को
अस्मत मातामह इदम......
अस्मत प्रमाता मह....
अस्मत वृद्ध प्रमाता....
नानी आदि को।
अस्मत मातामही...
अस्मत प्रमाता मही...
अस्मत वृद्ध प्रमाता मही...
....पूरब की और मुंह कर बैठकर जनेऊ या गमछा बाये कंधे रखकर। जल लेकर
*अनेन तरपणेन पितृ स्वरूपी जनार्दनवासुदेवः प्रियताम नमम।* ब्रह्मर्पण मस्तु। जल छोड़ नमस्कार कर ले।
आसन के नीचे जल गिरा मस्तक पर लगालें।
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Easy Tarpan Vidhi
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