जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology)| jaiv praudyogiki | जैव प्रौद्योगिकी की उपयोगिता | biology ncert
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“जैव-रसायन, सूक्ष्म जीव विज्ञान, आनुवंशिकी और रसायन अभियान्त्रिकी के तकनीकी ज्ञान का एकात्मक सघन उपयोग ही जैव प्रौद्योगिकी (biotechnology) है।" विभिन्न प्रकार के नवीकरणीय संसाधनों द्वारा मानव जाति के हित के लिए विभिन्न प्रकार के जीवनोपयोगी पदार्थों व यौगिकों के उत्पादन की सम्भावनाओं को जैव प्रौद्योगिकी सुलभ कराती है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि जैव प्रौद्योगिकी में ऐसी तकनीकी प्रक्रियायें हैं जिनके द्वारा हम न केवल डी०एन०ए० में हेर-फेर कर सकते हैं, बल्कि सजीवों का भी किसी विशेष प्रयोजन हेतु उपयोग
कर सकते हैं। जैव प्रौद्योगिकी ज्ञान का उपयोग जैविक क्रियाओं द्वारा विभिन्न लाभदायक उत्पादनों का निर्माण करना है। इन उपयोगी उत्पादों के निर्माण की प्रक्रियाओं में जीवाणुओं, शैवाल, कवक, यीस्ट, उच्च पादपों व प्राणियों की कोशिकायें या इन किसी के भी उप-तन्त्रों के अथवा इनके जैविक पदार्थों से पृथक किये गये यौगिकों का उपयोग किया जाता है। तो इस वीडियो में बायोटेक्नोलॉजी की ये परिभाषा समझाया है और साथ ही साथ जैव प्रौद्योगिकी की उपयोगिता (Utility of Biotechnology)- जब जैव तकनीकी ज्ञान को व्यावसायिक या औद्योगिकी के लिए उपयोग में लाया जाता है तब हम इसे जैव प्रौद्योगिकी कहते हैं।
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