8 Moharram 1444/2022
Related to- Nauha Bibi Zainab s.a
Reciter- Ali Mohammad Sultanpuri
Kalam- Waiz Hasan Sultanpuri
Lyrics :-
ज़ैनब पुकारी रोकर अब्बास तुम कहां हो
होते हैं जुल्म हम पर अब्बास तुम कहां हो
1
बस एक ही रसन में बारह गले बंधे हैं
हर एक क़दम पे भाई दम सब के घुट रहे है
आए बावफा दिलावर अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकरी ,,,,,,,,,,,
2
आदा ने कर दिया है दुश्वार इसका जीना
हर सांस ले रही है मुश्किल से अब सकीना
अब जां बल्ब है दुखतर अबबास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी,,,,,,,,,,,,,
3
हम सब के सर खुले है आबिद का सर झुका है
सदमे से सर बीमार रो रहा है
मर जाए ना ये लागर अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी,,,
4
तेरी बहेन पे दुरे बरसा रहे है आदा
किसको बुलाए जैनब इतना बता दो भय्या
कोई नहीं है यावर अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी,,,,,,,,,,,,,,
5
अपना नहीं है कोई आकर जो इनको रोके
बागी की ये बहन है शामी ये कह के मुझ पे
बरसा रहे है पत्थर अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी ,,,,,,,,,,
6
अहेले हरम पे ज़ालिम अंगारे फेंकते है
अर्जो समा हमारी गुरबत पे रो रहे हैं
गय्यूर शेरे हैदर अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी,,,,,
7
अपने अलम को लाकर मेरी रिदा बना दो
दरबार जा रही हूं कुछ बढ़ा दो
सर पे नहीं है चादर अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी रो,,,,,,,,
8
वाइज अली मोहम्मद वो दर्द की घड़ी थी
दरबार में ये जैनब जब रोके कह रही थी
है हशर का ये मंज़र अब्बास तुम कहां हो
ज़ैनब पुकारी,,,,,,,,,,,,
( तमाम शुद्ध )
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