आज से 90 साल पहले महज़ 24 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार ने सरदार भगत सिंह को फांसी पर चढ़ा दिया था. उन पर लाहौर षडयंत्र केस में शामिल होने का आरोप था. भगत सिंह के साथ राजगुरु और सुखदेव को भी सज़ा-ए-मौत दी गई थी. लेकिन अंग्रेज़ सरकार ने जिस तरह से उन्हें अचानक फांसी दी और फांसी देने के बाद जैसा व्यवहार किया, वो काफ़ी विवादित रहा. ऐसा कहा जाता है कि फांसी के फंदे पर झूलने से पहले तीनों के चेहरे पर मौत को लेकर कोई डर, फिक्र या अफ़सोस नहीं था. विवेचना में भगत सिंह की जिंदगी के आख़िरी 12 घंटों की कहानी...
स्टोरी और आवाज़: रेहान फ़ज़ल
वीडियो एडिटिंग: शुभम कौल
ऑडियो एडिटिंग: अजीत सारथी
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