भगत सिंह को भगत सिंह बनाया उनकी सुलझी हुई सोच ने जो उनके इस लेख "मैं नास्तिक क्यों हूँ " में ख़ूबसूरती से ज़ाहिर हुई है।
उनके इस चर्चित लेख में वे बताते हैं की कैसे स्वयं से विचार और सवाल कर वे एक नास्तिक बने हैं।
अपनी मौत को सामने देख कर ज़रा भी विचलित न होने वाला नौजवान आज इस देश के करोड़ों नागरिकों का आदर्श है।
उनके विचार सब को सुनने चाहिए , ख़ास कर उन को जिन्होंने भगत सिंह के नाम पर कई तरह की सेनाएंऔर दल तो बना लिए हैं लेकिन इस नौजवान की सोच से जो शायद अभी कोसों दूर हैं।
इस नौजवान विचारक को शत् शत् नमन।
जय हिन्द
इन्क़लाब ज़िंदाबाद
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