केशव ! मैं उसे न छोडूंगा | Suryaputra karn status video | Hindi poetry | Mahabharat
About This Video (Poetry Details):-
इस कविता में महाभारत के वीर दानवीर योद्धा कर्ण की करुण व्यथा को दर्शाया गया है, जिसमें सूर्यपुत्र कर्ण और भगवान कृष्ण के मध्य बातचीत हो रही होती है और इसी दौरान कर्ण अपने अंदर की व्यथा और दर्द भगवान श्री कृष्ण के सामने प्रस्तुत करता है। तो उसी दृश्य को इस कविता में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा है जो कि रश्मिरथी महाकाव्य का अंश है। इस कविता को आवाज दिया है राजवीर गौरव ने। मुझे उम्मीद है कि आपको यह कविता पाठ जरूर पसंद आएगी।
Video Lyrics:-
कुन्ती ने केवल जन्म दिया ,
राधा ने माँ का कर्म किया
पर कहते जिसे असल जीवन,
देने आया वह दुर्योधन
वह नहीं भिन्न माता से है
बढ़ कर सोदर भ्राता से है
राजा रंक से बना कर के,
यश, मान, मुकुट पहना कर के
बांहों में मुझे उठा कर के,
सामने जगत के ला करके
करतब क्या क्या न किया उसने
मुझको नव-जन्म दिया उसने
है ऋणी कर्ण का रोम-रोम,
जानते सत्य यह सूर्य-सोम
तन मन धन दुर्योधन का है,
यह जीवन दुर्योधन का है
सुर पुर से भी मुख मोडूँगा,
केशव ! मैं उसे न छोडूंगा...........
(Ramdhari Singh Dinkar)
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Thank you
Rajveer Gaurav
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