What is Time Capsule in Hindi। Ayodhya Ram Mandir। Modi। Indira Gandhi। Time Capsule Kya Hota Hai
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में पांच अगस्त को जब राम मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे तो इस दौरान मंदिर की नींव में टाइम कैप्सूल भी डाला जाएगा। क्या होता है टाइम कैप्सूल और इसे जमीन के इतनी नीचे डालने का मकसद क्या होता है, आइए आपको बताते हैं।
क्या होता है टाइम कैप्सूल?
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे विशिष्ट सामग्री से बनाया जाता है। ये हर तरह के मौसम का सामना करने में सक्षम होता है, उसे जमीन के अंदर काफी गहराई में दफनाया जाता है। काफी गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक ना तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और ना ही वो सड़ता या गलता है।
क्या होता है टाइम कैप्सूल का मकसद?
टाइम कैप्सूल का मकसद होता है किसी खास समय, किसी देश और समाज के इतिहास को सुरक्षित करना। इसे आप एक तरह का दस्तावेज मान सकते हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख दिया जाता है। ताकि अगर कभी कोई विवाद हो उस बारे में सही जानकारी मिल सके। या अगर विवाद ना भी हो तो सही जानकारी आने वाली पीढ़ियों को मिल सके।
अयोध्या में 200 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल
बताया जा रहा है कि अयोध्या में ये टाइम कैप्सूल मंदिर की नींव में 200 फीट नीचे डाला जाएगा। इसे काल पत्र भी कहा जाता है। इस काल पत्र में जो जानकारी डाली जाएगी, उसे ताम्र पत्र पर लिखकर डाला जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने बताया कि कहीं भी टाइम कैप्सूल डालने का मकसद इतिहास को सुरक्षित रखना होता है। ताकि भविष्य में लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके और किसी तरह का कोई विवाद ना हो।
क्या भारत में पहले कभी डाले गए हैं टाइम कैप्सूल?
जी हां, भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। साल 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। इसे कालपत्र का नाम दिया गया था। हालांकि विपक्ष ने उस वक्त आरोप लगाया था कि इस कालपत्र में इंदिरा ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है। तब जनता पार्टी ने चुनाव से पहले लोगों से वादा किया था कि पार्टी इस कालपात्र को खोदकर निकालेगी और देखेगी कि 1977 में जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी तो टाइम कैप्सूल को निकाला गया लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था। आज तक उसके बारे में कुछ पता नहीं चल सका है।
नरेंद्र मोदी पर सीएम रहते लगे थे आरोप
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो साल 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है।
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