मई 1945, जर्मनी. नाजियों की हार हुई, कंसंट्रेशन कैंपों को आजाद कर दिया गया. लेकिन होलोकॉस्ट से बचे हुए दसियों हज़ार लोग अपराधियों की भूमि में रहते हैं. डीडब्ल्यू उनके जीवन के संघर्ष की कहानी और उनकी स्मृति को जिंदा रखने के लिए वर्तमान में चलाए जा रहे अभियानों की कहानी बता रहा है.
जब 1945 में नाजीवाद पर विजय के साथ द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ, तो लाखों कैदी और गुलाम मजदूर घर लौट गए. लेकिन उन यातना शिविरों से रिहा किए गए लगभग 50,000 यहूदियों के लिए वापस लौटने की कोई जगह नहीं थी. नाजियों द्वारा पूर्वी यूरोप के अपने मातृभूमि से निर्वासित, यहूदी शरणार्थी अब मुख्य रूप से अमेरिकी सेना द्वारा चलाए जा रहे विस्थापित लोगों के शिविरों में थे. सबसे बड़े डीपी शिविरों में से एक दक्षिणी जर्मनी में लांड्सबर्ग अम लेष शहर में था. 1945 और 1950 के बीच, यह 'एक शहर के भीतर एक शहर' था, जिसमें 7,000 यहूदी रहते थे.
डीडब्ल्यू डॉक्यूमेंट्री अपराधियों की भूमि में - युद्ध के बाद के जर्मनी में होलोकॉस्ट से बचे लोग' में आपकी मुलाकात कराएंगे, लांड्सबर्ग के पास आजाद कराए गए शोआ के बचे हुए लोग, जो बाद में डीपी कैंप और फिर शहर में रहे. बचे हुए लोग अपने परिवारों की कहानी और अपने जीवन को फिर से सँवारने के प्रयासों के बारे में बताते हैं. लेकिन जैसा कि 11 यातना शिविरों और यहूदी बस्तियों में रहने के बाद जीवित बचे 94 वर्षीय याकोब ब्रेसलर कहते हैं, 'जो हमारे लिए सामान्य था, वह बाकी दुनिया के लिए सामान्य नहीं था. हम परेशान युवा लोग थे.’
डीपी शिविर का जीवन उस विनाश की यातना, परिवार के सदस्यों की खोज, शिक्षा और पेशेवर कौशल की जरूरत और जर्मनी छोड़ने की तड़प को दिखाता था. समय के साथ, दुनिया को बचे हुए यहूदी लोगों के बारे में और पता चलता गया. जैसा कि न्यूयॉर्क के इतिहासकार अतीना ग्रॉसमैन बताती हैं, डीपी शिविर एक वैश्विक राजनीतिक मुद्दा बन गया.
यह फिल्म उस 'ज़ीरो आवर' का भी उल्लेख करती है जिसे जर्मनों ने, खुद को निर्दोष साबित करने के एक संदिग्ध प्रयास के रूप में, युद्ध के बाद अतीत के साथ सारे रिश्ते खत्म करने को लेकर कहा था. संदिग्ध इसलिए क्यूंकि 1951 में लांड्सबर्ग शहर में, स्थानीय निवासियों ने एक एकजुटता रैली आयोजित की जिसमें क्रिश्चियन मर्सी के लिए आवाज उठाई गई, नाजी अत्याचार के पीड़ितों के लिए नहीं, बल्कि नाजी सामूहिक हत्यारों के लिए जिनपर मुकदमे चल रहे थे और जिन्हें गुनाहों के लिए मौत की सज़ा मिलनी थी.
नाजी युग में, लांड्सबर्ग में पार्टी के अधिकारियों ने लगभग 30,000 कैदियों, जिनमें से अधिकांश यहूदी थे, उन के लिए एक विशाल कंसंट्रेशन कैम्प का निर्माण किया था. फिल्म में, लांड्सबर्ग के एक विवाहित जोड़े हेल्गा और मानफ्रेड डायलर के साथ भी बातचीत गई है, जो पिछले 40 वर्षों से अपने शहर में एक उपयुक्त स्मारक के लिए प्रयास कर रहे हैं.
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