अगर हमारा दिल दिमाग और पेट ये ठीक हो गया तो आदमी भी ठीक होगा और बाह्य प्राणायाम के बाद अग्निसार के बाद अनुलोम विलोम फिर भ्रामरी उदगीर जिनको प्राणायाम करते करते थकान लगे वो ecopresar कर सकते हैं ecopresar के मुख्य point कोस्टीपेसन के लिये और बवासीर के लिये हाथ के थैली के नीचे हिस्से के दबाएँ इससे आंतो को कोस्टीपेसन मिलेगा और आंतो को स्वस्थ बनायेगा हाथ की पहली ऊँगली के थोड़े से निचले हिस्से को दबाने से पेट संबंधी रोगों में लाभ होगा और बवासीर के लिये ऊँगली के नीचे हिस्से की जो उठी हड्डी होती हैं उसे दबायें ये दोनों हाथो व पैरो में हैं बवासीर के लिये मुंह की जो ठुड़ी हैं उसे दबाने से कोस्टीपेसन दूर होती हैं और शौच जाते समय दांत को दबाएँ इससे दांत मजबूत होंगे कोस्टीपेसन नही होगा आंतो की point के लिये पैरो की पिंडलिया दबाने से आंते स्वस्थ हो जायेंगी और पेट में जो गैस हैं वो खत्म हो जायेंगी अल्सर की समस्या दूर होंगी कोलाईटस व आंव की समस्या दूर होगी जिनका पेट दुखता रहता हैं आंतो पर सुजन लीवर पर सुजन हैं ये पिंडलिया दबाने से ठीक हो जाती हैं यदि बहुत ज्यादा बवासीर हैं फिशर की समस्या हैं उनके लिये घरेलू उपचार सुबह खाली पेट गाय का गर्म करके ठंढा दूध एक कफ और एक हाथ में नीबू को पकड़कर गायत्री या ॐ का ग्यारह बार ध्यान करे और नीबू को काटकर तुरंत दूध में डालकर पी जाएँ तीन से सात दिन में कैसी भी बवासीर हो वो ठीक हो जायेगी अगर इससे लाभ न हो तो दूसरा उपाय सुबह खाली पेट देशी कपूर को चने के बराबर ले और एक केले के छोटे टुकड़े में डाले और निगल जाये ये बवासीर फिशर के लिये लाभकारी हैं खुनीवादी दोनों तरह की बवासीर के लिए लाभकारी है अगर इससे भी लाभ ना हो तो नारियल की जो दाढ़ी होती हैं उसे राख बना ले और राख बनाकर के तीन तीन ग्राम सुबह दोपहर शाम छाछ के साथ ले ऐसा एक ही दिन प्रयोग करने से ओवर ब्लीडिंग व बवासीर ब्लीडिंग समस्या ठीक हो जाती हैं और भी इस्तेमाल कर सकते हैं बकायन नीम की निम्बूली छोटी हरड ये सौ सौ ग्राम ले और शुद्ध रसौंत के साथ खाली पेट सुबह शाम एक एक चम्मच पानी के साथ ले अनुलोम विलोम करे बाह्य प्राणायाम के बाद 5-15 मिनट तक करे अनुलोम विलोम प्राणायाम दायें नाक से साँस को भरकर बायें नाक से साँस को छोड़े इस तरह से ये प्रक्रिया करते है फिर 3-5 बार भ्रामरी 3-5 बार उदगीर फिर श्वासो पर ॐ का ध्यान करे फिर सात सूक्ष्म व्यायाम दोनों पैरो को आगे खोल ले और आगे पीछे दबायें ये पैर के लिये जरूरी प्रक्रिया हैं इसे प्राणायाम के बाद रोज करे इससे बॉडी की जॉइंट हमेशा स्वस्थ रहेगी और फिर बटरफ्लाई पैरो को आगे पीछे दबाना ये दो पैरो के लिये अभ्यास करे अगर बहुत ज्यादा कोस्टीपेसन हैं तो अतिबला की खाली पेट 3-4 पत्ते ले सकते हैं बला की चार प्रजातिया होती हैं जिसमे एक अतिबला हैं इसमें एलोवेरा का जूस भी ले सकते हैं गुलकंद भी कोस्टीपेसन के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं यदि गुलकंद मिश्री से बना हुआ हो बहुत उपयोगी हैं इसको आप घर में बना सकते हैं गुलाब के फुल व मिश्री मिलाकर के धुप में रख दीजियें इसमें पानी नही लगना चाहिये कपालभाति व मंडूक आसन जरूरी अभ्यास हैं मंडूक आसन में नाभि के अंदर दोनों मुट्ठी को लगायेंगे और श्वास बाहर छोड़ेंगे और आगे झुकेंगे कमर में दर्द हैं तो आगे ना झुके अगर कोस्टीपेसन बहुत ज्यादा हैं तो 5-10 बार करे
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