इंसान के जन्म से मृत्यु तक के समय को जिंदगी का नाम दिया गया है. कहते हैं कि जिंदगी एक खुशनुमा एहसास है, जिसका आनंद हर समय इंसान को लेना चाहिए, जिंदगी में सब कुछ प्राप्त हो सकता है, असंभव जिंदगी का बड़ा खलनायक है. बक्सर डीएम मुकेश कुमार पांडेय ने अपने अंदर चल रहे तूफान का एक वीडियो बनाया और दुनिया को उसे मीडिया के माध्यम से बार-बार सुनाने के लिए छोड़ गये. आत्महत्या करने से पहले मुकेश पांडेय ने एक दार्शनिक की तरह बातें की. जिंदगी की उलझनों को शब्दों में समेटने की कोशिश की, लेकिन रिश्तों के उलझन के बीच छटपटाती अपनी जिंदगी को आत्महत्या की आहट से दूर नहीं रख पाये. मुकेश पांडेय जिंदादिल इंसान थे, उनके अंदर दूसरों के लिए जीने की जिजीविषा थी. बक्सर में जिलाधिकारी के रूप में योगदान देने से पहले उन्होंने अपने आवास पर जो किया, वह उनके व्यक्तित्व की एक अलग और अनोखी कहानी कहने के लिए काफी है. प्रस्तुत है बक्सर से मंगलेश तिवारी की खास रिपोर्ट.
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