साल 1951 में के. हनुमंथैया मैसूर राज्य के मुख्यमंत्री थे, वे चाहते थे कि अमेरिका के व्हाइट हाउस और लंदन के बर्मिंघम पैलेस की तरह उनके राज्य में भी जनता के प्रतिनिधियों का भवन हो...इसलिए उन्होंने इस भव्य भवन के निर्माण की योजना बनाई. इस भवन की आधारशिला 13 जुलाई 1951 को रखी गयी थी...1956 में यह भवन बनकर तैयार हुआ. तब इसकी लागत 1 करोड़ 84 लाख रुपए आई थी. 5 हजार से ज्यादा मजदूर इसके निर्माण में लगे थे..राजधानी बेंगलुरु में स्थित यह भवन पूरे भारत में वास्तुशिल्प की एक मिसाल है....
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