कुछ यादें हमेशा साथ रहती हैं 🙏
'ओ दद्दो'... आज भी ये शब्द मेरे कानों में गूंज रहे हैं... उसने मुझे कभी नाम से नहीं बुलाया... जब भी कुछ कहना होता तो 'ओ दद्दो' से ही शुरुआत करता... उसके चहरे में हमेशा मुस्कुराहट रहती और हाथों में कोई ना कोई किताब या फिर कानों में 'हेड फोन'... 'आपने ये गाना सुना है?' उसने किसी बच्चे की तरह एक्साइटेड होकर अपना 'हेड फोन' मुझे थमाते हुए कहा...
अक्टूबर 2017, 'केदारनाथ' की शूट के दौरान पहली बार सुशांत से मुलाकात हुई थी... मुझे लगा की वो भी वही स्टार होगा... जिनकी चमक भर से डायलॉग,सीन, यहां तक की स्क्रिप्ट बदल जाया करती हैं... लेकिन वो तो छत से हाथ बढ़ा कर तारे तोड़ने वाले जिज्ञासा से भरे बच्चे की तरह था... आप एनएसडी से हैं? एनएसडी में क्या होता? कैसे होता है? मैं एनएसडी के कलाकारों की बहुत इज़्ज़त करता हूं...
मुझे आज भी याद है जब 'केदारनाथ' फिल्म के दौरान ओपनिंग सीन में उसे मुझे पीठ में लादकर मंदिर तक चढ़ाई
करनी होती थी... 'इतना तो मैं उठा लुंगा', ये कह कर वो एक लंबी सांस भरता और मुझे उठा लेता... शॉट क्लोज़ हो या वाइड, टेक एक हो या दो या फिर 10, सुशांत ने मेरे जैसे वज़न को पीठ पर लादने के लिए कभी 'बॉडी डबल' का इस्तेमाल नहीं किया... वो मेरे बोझ से और में शर्मिंदगी के बोझ से दबी, उसे अक्सर बदले में एनर्जी बार दे देती थी... जिस पर वो कहता था ' थैंक्यू दद्दो, इसकी मुझे बहुत जरूरत है'.........
सुशांत ने बताया किस तरह वो धीरे धीरे डांसर से एक्टर बना और आज अपने 'बॉय' को ऑर्डर देने में उसे संकोच होता है, वो कहता, 'ये खुद हीरो लगता है, पता चला एक दिन इसी के साथ में स्क्रीन शेयर कर रहा हूं...'सुशांत का मानना था कि कोई भी कुछ भी 'अचीव' कर सकता है, अगर ठान ले तो.........
उसे किताबों का शौक था, मुंबई फिल्म सिटी में 'पैच वर्क' खत्म होने के बाद मैंने उसे कुछ किताबें भी गिफ्ट कीं... एक दिन सुशांत ने कहा था, 'मैं डायरेक्शन करुंगा... मेरी 'मेन ऐम' तो डायरेक्शन ही है', लेकिन तब पता नहीं था कि जब वो अपनी ज़िंदगी की फिल्म डायरेक्ट करेगा... तो उसकी कहानी का अंत कुछ ऐसा होगा...
आज अचानक वो गाना ज़हन में बजने लगा जो सुशांत ने उस दिन 'केदारनाथ' में अपने 'हेड फोन' से सुनाया था... और आंखों के आगे एक बार फिर वो मुस्कुराता हुआ चेहरा आ गया जो कह रहा था...'दद्दो, कोई कुछ भी कर सकता है, अगर ठान ले तो'...
"सृष्टि के जनम से भी पहले तेरा वास था
ये जग रहे या ना रहे, रहेगी तेरी आस्था...
नमो-नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा"
#sushantsinghrajput Second Death Anniversary
![](https://i.ytimg.com/vi/pkmm69Ccoq8/maxresdefault.jpg)