Credits:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम! सादर नमन और अभिनन्दन.... भक्तों भगवान श्रीकृष्ण का लीलास्थल श्रीधाम वृन्दावन मंदिरों के लिए सारे विश्व में विख्यात हैं। यहाँ अनगिनत ऐसे मंदिर हैं जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व तो है ही उनका ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व भी है जो भारत ही नहीं पूरे विश्व के भगवत- भक्तों की गहरी आस्था और अगाध श्रद्धा के केंद्र बने है। जिनके प्रति भक्तों के मन में धारणा है कि वहाँ दर्शन पूजन करने से जीवन सफल हो जाता है। जहां पहुँचकर भक्तों की समस्त मनोकामनाएँ पूर्णता को प्राप्त करती हैं। ऐसे मंदिरों में सबसे अधिक प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिर हैं श्रीधाम वृन्दावन का बांके बिहारी मंदिर.
मंदिर के बारे में:
भक्तों बांके बिहारी मंदिर जी का यह मंदिर वृंदावन में मौजूद सभी मंदिरों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और मन की सभी कामनाओं को पूरा करने वाला मंदिर है। इस मंदिर में विराजमान भगवान का श्री विग्रह स्वयंभू है। जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान श्री बांके बिहारी जी बांसुरी बजाते हुये विग्रह स्वरूप में अपने अनन्य भक्त स्वामी हरिदास के समक्ष निधिवन में प्रकट हुये थे। भगवान कृष्ण का बांके बिहारी स्वरूप में तीन कोणों से मुड़ा बांसुरी बजाता ये विग्रह अद्भुत, अलौकिक और अद्वितीय है। भगवान बाँके बिहारी जी के इस विग्रह की एक झलक भक्तों को परम आनंद प्रदान करती है।
मंदिर का इतिहास:
भक्तों बांके बिहारी मंदिर के निर्माण को लेकर जानकारों का अनुमान है कि इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1860 से 1864 के मध्य स्वामी हरिदास जी ने 1864 में करवाया था। वर्तमान मंदिर भवन पुनर्निर्मित है जिसका निर्माण संवत 1921 में स्वामी हरिदास जी के अनुयायियों के द्वारा कराया गया था।
मंदिर की वास्तुकला:
भक्तों बांके बिहारी मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी है। इस मंदिर का मेहराब तथा स्थित स्तंभ इस तिमंजिले भवन को अनोखी और अनुपम सुंदरता प्रदान करते हैं।
अप्रत्याशित भीड़:
भक्तों यों तो समूचा वृन्दावन धाम ही दर्शनार्थियों की भीड़ से भरा रहता है किन्तु बांके बिहारी मंदिर और मंदिर के आसपास के क्षेत्र में तो पूरे वर्ष अनगिनत भक्तों और श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ रहती है।
कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त:
भक्तों की भीड़ को देखते हुए बांके बिहारी मंदिर में भक्तों और मंदिर की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं, चप्पे चप्पे पर सजग व चौकन्ने सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। मंदिर का कोना कोना सी सी टी वी से संरक्षित है। भीड़ को संचालित और निर्देशित करने हेतु निरंतर एनाउन्समेंट होता रहता है।
प्रवेशद्वार व निकासद्वार:
मंदिर में स्त्रियों और पुरुषों के लिए दो अलग अलग प्रवेश व निकासद्वार बनाये गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को आने जाने में असुविधा न हो। दर्शनार्थी भगवान को अपना भेंट, नैवेद्य व् श्रद्धा सुमन, पुजारियों के माध्यम से समर्पित करते हैं।
भक्तों! अगर आप वृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर पहुँच कर दर्शन पूजन करने को इच्छुक हैं और भगवान श्री बाँके बिहारी जी का कृपाप्रसाद ग्रहण करना चाहते हैं तो अपने बजट, क्षमता और सुविधा अनुसार यात्रा का शुभारंभ कीजिये।
तो आज के इस एपिसोड में इतना ही... एक नए धाम की यात्रा में फिर मिलते हैं... नमस्कार...प्रणाम
॥इति शुभम॥
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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