Sehat Talk with Isha Bhatia Sanan, Ep. 06: How does a C-section or cesarean delivery take place?
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सिजेरियन सेक्शन में गर्भवती माँ के पेट और गर्भाशय में चीरा लगाकर ऑपरेशन के जरिये शिशु का जन्म करवाया जाता है। सिजेरियन ऑपरेशन को सुरक्षित माना जाता है। मगर यह एक बड़ा ऑपरेशन होता है और नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में इसमें ज्यादा जटिलताएं होने का खतरा रहता है। साथ ही इसका भविष्य की गर्भावस्थाओं पर भी असर पड़ता है।
कई बार, पूर्वनियोजित सिजेरियन डिलीवरी करवाई जाती है। वहीं कभी-कभी प्रसव के दौरान हुई जटिलताओं की वजह से आपातकाल सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ता है। यदि शिशु संकट में है, तो सी-सेक्शन आपके और शिशु लिए जीवन रक्षक और जन्म का सबसे सुरक्षित तरीका हो सकता है।
हालांकि, सिजेरियन डिलीवरी के कुछ फायदे हैं, मगर बिनाl किसी चिकित्सकीय कारण के नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सी-सेक्शन डिलीवरी चुनने के कई जोखिम हो सकते हैं।
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क्या सिजेरियन डिलीवरी सुरक्षित है?
हालांकि, सिजेरियन ऑपरेशन एक आम प्रकिया है, मगर यह एक बड़ा ऑपरेशन होता है और इसीलिए इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं। यही वजह है कि जब तक चिकित्सकीय कारणों से सिजेरियन करना जरुरी न हो, तब तक डॉक्टर इसकी सलाह नहीं देते।
यदि आपकी गर्भावस्था या प्रसव में कोई जटिलता नहीं है, तो नॉर्मल डिलीवरी से शिशु को जन्म देना सिजेरियन ऑपरेशन की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है। यह बात केवल आपकी पहली प्रेग्नेंसी में लागू नहीं होती, बल्कि आगे की गर्भावस्थाओं के लिए भी यह सच है। भविष्य में आपकी प्रजनन क्षमता के लिए भी योनि के जरिये प्रसव बेहतर रहता है।
कई बार माँ या शिशु की जान बचाने के लिए सिजेरियन ऑपरेशन करना जरुरी होता है। ऐसे मामलों में निस्संदेह सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प ही आपके और आपके शिशु के लिए सबसे सुरक्षित है।
यदि आपका प्रसव प्रेरित किया गया था, और यह आगे न बढ़ रहा हो तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको सी-सेक्शन करवाने की सलाह दे सकती हैं। वे यह निर्णय आपकी स्थिति का जायजा लेने के बाद ही लेंगी। साथ ही, वे यह भी देखेंगी कि आपका शिशु स्थिति का सामना कितने बेहतर ढंग से कर पा रहा है। प्रसव के दौरान शिशु के दिल की धड़कन पर नजर रखकर डॉक्टर यह जान पाती हैं कि गर्भ में शिशु की स्थिति कैसी है।
कुछ मामलों में डॉक्टर प्रसव प्रेरित करवाने या सिजेरियन डिलीवरी करवाने का निर्णय आप पर छोड़ सकती हैं। प्रसव प्रेरित करवाने की स्थिति में डिलीवरी के दौरान उपकरणों की सहायता जैसे कि फोरसेप्स या वैक्यूम डिलीवरी की जरुरत पड़ सकती है, और इनके अपने जोखिम होते हैं। इसलिए आप और आपकी डॉक्टर को इन जोखिमों की तुलना सिजेरियन डिलीवरी के जोखिमों से करनी होगी और फिर निर्णय लेना होगा।
कई बार स्थिति ऐसी होती है कि कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सकता। ऐसे में आप और आपकी डॉक्टर को सिजेरियन डिलीवरी के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करनी होगी और निर्णय लेना होगा कि आपके लिए क्या सही रहेगा।
हो सकता है अपनी ड्यू डेट से काफी पहले आपको इस बारे में निर्णय लेने का समय मिल जाए या फिर संभव है कि प्रसव के दौरान आपको यह फैसला लेना हो। इसलिए आपको सभी फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि आप उसके अनुसार खुद को तैयार कर सकें।
आपकी सामान्य सेहत और जीवनशैली भी इस निर्णय को प्रभावित करेगी। आपको सिजेरियन ऑपरेशन के बाद जटिलताएं होने का उच्च खतरा रहता है, यदि:
आपका वजन सामान्य से ज्यादा है
आपके पेट पर पहले भी कोई ऑपरेशन हो चुका है
आपके साथ पहले से ही कोई स्वाथ्य स्थिति है, जैसे कि हृदय रोग आदि।
सिजेरियन ऑपरेशन करवाने में क्या जोखिम हैं?
सी-सेक्शन पेट का एक बड़ा ऑपरेशन होता है, इसलिए इससे निम्नांकित जटिलताएं होने की संभावना ज्यादा रहती है, जैसे कि:
प्रसव के बाद ज्यादा दर्द
आपने प्रसव पीड़ा के बारे में बहुत कुछ सुन रखा होगा, मगर सिजेरियन डिलीवरी का मुख्य नकारात्मक पहलू ऑपरेशन के बाद होने वाला दर्द है। ऑपरेशन के बाद शायद कुछ घंटों तक आपको ड्रिप लगी रहेगी, ताकि आपको जरुरत के अनुसार दर्दनिवारक दवाएं दी जा सकें।
ऑपरेशन के बाद शुरुआती कुछ दिनों तक आपको चीरे के घाव में दर्द रहेगा और पहले एक-दो हफ्ते तक पेट पर असहजता महसूस होगी। धीरे-धीरे आपका शरीर ऑपरेशन से उबरता है।
ऑपरेशन के बाद कुछ समय तक आपको दर्द निवारक दवाएं लेनी होंगी। नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में सी-सेक्शन से उबरने में ज्यादा समय लगता है।
कुछ महिलाओं को सिजेरियन के बाद बहुत तेज सिरदर्द होता है। पीठ के निचले हिस्से में एपिड्यूरल या स्पाइनल लगने वाली जगह पर और गर्दन में भी दर्द रहता है। यदि आपको कोई दर्द हो तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं। वे आपकी दवाओं में बदलाव करके आपको राहत दिलाने का प्रयास कर सकती हैं।
बहुत सी माँएं प्रसव पीड़ा से बचने के लिए सिजेरियन करवाना चाहती हैं, मगर यह ध्यान रखें कि नॉर्मल डिलीवरी में होने वाला दर्द आमतौर पर कम अवधि के लिए होता है, जबकि सिजेरियन के बाद काफी समय तक दर्द रहता है।
सी-सेक्शन डिलीवरी का असर कुछ समय तक आपके रोजमर्रा के काम पर भी पड़ सकता है। कुछ महिलाओं को ऑपरेशन के कुछ महीनों बाद तक भी पेट पर असहजता रह सकती है।
अधिकांश ब्लीडिंग ऑपरेशन के दौरान होती है, इसलिए डॉक्टर इसे संभाल लेते हैं। मगर कई बार ऑपरेशन के दौरान उम्मीद से ज्यादा खून बह जाता है और यह सी-सेक्शन का एक मुख्य जोखिम है।
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