उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को कम करने के लिए राज्य सरकार कचरे से बिजली तैयार करने की योजनाओं पर काम कर रही है. अब आगरा में कचरे से बिजली तैयार की जाएगी. ऐसा ये पहला मौका नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में यह चौथा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट है. उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग इससे पहले कानपुर, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में भी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की मंजूरी दे चुका है. इन सभी प्लांट्स से बिजली उत्पादन के दौरान तेल और गैस उत्पादन की भी योजना है. तेल का उपयोग इंडस्ट्रियल कार्य में होगा. जबकि गैस से यह पावर प्लांट चलेंगे.
नगर विकास विभाग का क्या काम है
urban development department जिसका काम होता है क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या को मूलभूत नागरिक सुविधाएं जिसमे साफ़ पानी, सड़कें/गलिया, सफाई व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण, सीवरेज व्यवस्था, पार्क, स्वच्छ पर्यावरण, आदि उपलब्ध कराया जाना।
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट क्या है
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट ईकोग्रीन द्वारा स्थापित एक प्लांट है, जो waste management के जरिये, बिजली उत्पन्न करने के लिए कचरे का दहन करती है। इस 15 मेगावाट क्षमता के प्लांट से रोज़ाना 6 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
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