Sandhya Bhakti channel brings to you a collection of Prachin, Arvachin Stavan & Sanjay composed by Purvacharyas and melodiously sung by various singers.
These stavana can be used in Pratikraman, Chaityavandan and Prabhu Bhakti.
संध्या भक्ति चैनल आपके लिए प्राचिन, अरवाचिन स्तवन और सज्जाय का संग्रह लाया है, जो पूर्वाचार्यों द्वारा रचित और विभिन्न गायकों द्वारा गाया गया है।
इन स्तवन का उपयोग प्रतिक्रमण, चैत्यवंदन और प्रभु भक्ति में किया जा सकता है।
संपूर्ण स्तवन-
प्रीतलडी बंधाणी रे अजित जिणंदशु,
प्रभु पाँखे क्षण एक मने न सुहाय जो;
ध्याननी ताली रे लागी नेहशुं,
जलद-घटा जेम शिव-सुत वाहन दाय जो.
नेहघेलु मन म्हारू रे प्रभु अलजे रहे,
तन मन धन ते कारणथी प्रभु मुज जो;
म्हारे तो आधार रे साहिब रावलो,
अंतरग़तनी प्रभु आगल कहु गुज्झ जो.
साहेब ते साचो रे जगमां जाणीए;
सेवकनां जे सहेजे सुधारे काज जो.
एहवे रे आचरणे केम करी रहूँ?
बिरुद तुमारू तारण तरण जहाँज जो.
तारकता तुजमाहे रे श्रवणे सांभली;
ते भणी हुं आव्यो छुं दीनदयाल !जो.
तुज करुणानी लहेरे मुज कारज सरे;
शुं घणुं कहीये? जाण आगल कृपाल जो.
करुणादृष्टि कीधी रे सेवक ऊपरे;
भव भय भावठ भांगी भक्ति प्रसंग जो.
मनोवांछित फलिया रे तुज आलंबने;
करजोडीने मोहन कहे मनरंग जो.
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