ये 5 लक्षण महिलाओं में ओवुलेशन के सही समय का हैं संकेत, जानें और आसानी से करें कंसीव
ओवुलेशन होने के लक्षण: प्रेग्नेंट होने का समय जानने के लिए आपको ओवुलेशन कब होता है और इसके लक्षणों के बारे में ताकि इस पहचान कर आप ओवुलेशन के बाद गर्भधारण कर सकें।
पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए? ये सवाल बहुत से लोग पूछते हैं, खास कर कि वो लोग जो माता-पिता बनना चाहते हैं या फिर वे महिलाएं आसानी से गर्भधारण करना चाहती हैं। तो, इस सवाल का जवाब ये है कि पीरियड के 11 वें दिन ये ओवुलेशन शुरू हो जाता है और यहीं से प्रेग्नेंट होने का सही समय शुरू होता है और अगले पीरियड्स होने के कुछ दिनों तक रहता है। ओवुलेशन (ovulation), मेंस्ट्रूअल साइकिल या कहें कि पीरियड साइकिल का एक हिस्सा है। इस दौरान ओवरी एग रिलीज करती है और इसी दौरान स्पर्म से फर्टिलाइज होने पर गर्भधारण किया जा सकता है। इस दौरान शरीर में कई सारे लक्षण भी नजर आते हैं, जो बताते हैं कि ओवुलेशन के सही समय आ गया है या फिर ये शुरू हो गया है। तो, आइए जानते हैं ओवुलेशन होने के लक्षण (ovulation ke lakshan)
ओवुलेशन होने के लक्षण -Symptoms of ovulation in hindi
1. हार्मोनल बदलाव
ओवुलेशन होने के लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ लोगों को यह महसूलृस भी नहींलेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। इनमें से एक ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) में उछाल है। यह ओवुलेशन होने से 24-48 घंटे पहले होता है। आप एलएच परीक्षण जिसे ओवुलेशन परीक्षण भी कहा जाता है) का उपयोग करके इस हार्मोन के लिए माप सकते हैं। इसके अलावा इस दौरान एसट्रोजन हार्मोन भी बढ़ जाता है।
2. शरीर का तापमान बढ़ जाना
ओवुलेशन के आसपास होने वाले हार्मोन में बदलाव के कारण हमारे आराम करने वाले शरीर का तापमान बढ़ जाता है। सुबह बिस्तर से उठने के बाद आपको बाकी दिनों की तुलना में अपना शरीर ज्यादा गर्म महसूस होगा। दरअसल, ये आपके प्रजनन क्षमता के बढ़ने का संकेत भी है जिसे पहचान कर आप कंसीव कर सकते हैं।
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3. त्वचा की रंगत में बदलाव
क्या आप जानते हैं कि आपकी त्वचा और हार्मोन के बीच कोई संबंध है? ओवुलेशन से पहले के दिनों में, कुछ महिलाओं को स्पष्ट त्वचा और एस्ट्रोजन की उपस्थिति के कारण एक चमकदार रंगत का अनुभव होता है। दूसरों को इसके बजाय ओवुलेशन के दिन के आसपास कभी-कभार ब्रेकआउट यानी कि पिंपल्स हो सकते हैं। ये ब्रेकआउट प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर के कारण होते हैं जो ओवुलेशन के साथ होते हैं। एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है, तो ओवुलेशन के बाद ही हमें धब्बेदार त्वचा का अनुभव हो सकता है
4. ओवुलेशन का दर्द महसूस करना
महिलाओं को ओवुलेशन के संकेत के रूप में भी कुछ दर्द का अनुभव होता है। ओवुलेशन के दिन स्तनों में बदलाव महसूस होता है और कुछ महिलाओं को एक तरफा पेट में दर्द भी होता है जिसे ओवुलेशन के दर्द (ovulation pain) भी कहा जाता है। ये तब होता है जब अंडाशय से अंडा कोशिका निकलती है। ये आपको पीरियड्स के समय तक महसूस हो सकता है
5. वजाइनल डिचार्ज और यौन का बढ़ना
सेक्स ड्राइव और ऊर्जा के स्तर की तरह, वजाइनल डिचार्जभी बढ़ता है। ओवुलेशन से पहले के दिनों में,यह डिस्चार्ज ट्रांसपेरेंट हो जाता है और ज्यादा खिंचाव के साथ होता है। असल में ये सरवाइकल म्यूकस होता है जिसे कभी-कभी "एग व्हाइट" सर्वाइकल म्यूकस कहा जाता है और अक्सर यह संकेत होता है कि ओवुलेशन का दिन आ रहा है।
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